Right to Education New Rule: भारत सरकार ने निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2010 में बड़ा बदलाव कर कक्षा 5वीं और 8वीं के विद्यार्थियों को फेल करने का नियम जोड़ दिया है । भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने आरटीई अधिनियम की अधिसूचना जारी कर दी है ।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की अधिसूचना के अनुसार अब अगर कोई विद्यार्थी कक्षा 5 और कक्षा 8 की नियमित परीक्षा को पास करने में असफल रहता है तो उसे अगले 2 महीनों में पास होने के लिए फिर से परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा । इसके बाद भी विद्यार्थी पास नहीं होता है तो उसे फेल कर दिया जाएगा ।
इससे पहले निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2010 के भाग 5 के नियम के अनुसार कक्षा पाँचवी और कक्षा आठवीं के विद्यार्थियों को फेल नहीं किया जाता है । उनको प्राप्त अंकों के आधार पर ग्रेड देकर पास कर दिया जाता था और अगली कक्षा में क्रमोन्नत कर दिया जाता था । जिसके कारण स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता में गिरावट देखने को मिली । अब सरकार ने इस नियम पर पुनर्विचार कर एकदम सही फैसला किया है । आइए जानते है RTE नया नियम 2024 क्या है
Right to Education New Rule
सा.का.नि. 777 (अ). केन्द्रीय सरकार, निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (2009 का 35) की धारा 38 की उपधारा (2) के खंड (च क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2010 का और संशोधन करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थात्ः-
(1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियम, 2024 है। (2) ये सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख को लागू होंगे। निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2010 में, भाग 5 के पश्चात निम्नलिखित भाग अंतःस्थापित किया जाएगा, अर्थात्ः- “भाग 5 क- कतिपय मामलों में परीक्षा और रोका जाना
16 क. रीति और शर्तें जिनके अध्यधीन किसी बालक को रोका जा सकता है- (1) प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत पर पांचवीं कक्षा और आठवीं कक्षा में नियमित परीक्षा होगी।
(2) उप-नियम (1) में निर्दिष्ट, नियमित परीक्षा के संचालन के पश्चात्, यदि कोई बालक समय-समय पर यथा अधिसूचित, प्रोन्नति मानदण्ड को पूरा करने में असफल रहता है, तो उसे परिणाम घोषित होने की तारीख से दो मास की अवधि के भीतर पुनः परीक्षा के लिए अतिरिक्त अनुदेश तथा अवसर दिया जाएगा।
(3) यदि उप-नियम (2) में निर्दिष्ट पुनः परीक्षा में उपस्थित होने वाला बालक, प्रोन्नति के मानदण्ड को पूरा करने में पुनः असफल रहता है, यतास्थिति, पांचवीं कक्षा या आठवीं कक्षा में रोक दिया जाएगा।
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(4) बालक को रोके रखने के दौरान, कक्षा शिक्षक बालक के साथ-साथ, यदि आवश्यक हो तो, बालक के माता-पिता का भी मार्गदर्शन करेगा तथा निर्धारण के विभिन्न चरणों पर अधिगम के अंतरालों की पहचान करने के पश्चात् विशेषज्ञीय इनपुट प्रदान करेगा।
(5) स्कूल का प्रमुख उन बालकों की सूची बनाएगा जो रोके गए हैं तथा ऐसे बालकों को विशेषज्ञीय इनपुट के लिए प्रदान किए गए उपबंधों तथा पहचाने गए अधिगम के अंतरालों के संबंध में उनकी प्रगति पर व्यक्तिगत रूप से मॉनीटरी करेगा।
(6) बालक के समग्र विकास को पाने के लिए परीक्षा और पुनः परीक्षा सक्षमता-आधारित परीक्षाएं होंगी तथा न कि याद करने और प्रक्रियात्मक कौशल पर आधारित होंगी।
(7) किसी भी बालक को तब तक किसी स्कूल से नहीं निकाला जाएगा जब तक वह प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेता।”
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